शिव-सती विवाह: त्याग और समर्पण की अमर गाथा

हिमालय की वादियों में, जहाँ पवन देवदार के वृक्षों से सरसराते हुए प्रेमगीत गाते, वहीं प्रजापति दक्ष की कन्या सती पली-बढ़ी। सती की सुंदरता चाँदनी सी शीतल और उनके नेत्र कमल के समान विशाल थे। उनके हृदय में भगवान शिव के प्रति अनन्य भक्ति थी। बचपन से ही उन्होंने अपने तप से शिव को पति […]

शिव पुराण के अनुसार सृष्टि का आरंभ:

शिव पुराण के अनुसार सृष्टि का आरंभ:

शिव पुराण के अनुसार, सृष्टि के आरंभ में केवल शून्य और अंधकार था। इस शून्य में एक अंडा प्रकट हुआ, जिसे ब्रह्मांड कहा गया। इस अंडे के भीतर, स्वयंभू भगवान शिव निराकार रूप में विराजमान थे। अनंत काल तक इसी स्थिति में रहने के बाद, शिव ने सृष्टि रचने का निर्णय लिया। सर्वप्रथम, शिव ने […]