शिव पुराण के अनुसार, सृष्टि के आरंभ में केवल शून्य और अंधकार था। इस शून्य में एक अंडा प्रकट हुआ, जिसे ब्रह्मांड कहा गया। इस अंडे के भीतर, स्वयंभू भगवान शिव निराकार रूप में विराजमान थे। अनंत काल तक इसी स्थिति में रहने के बाद, शिव ने सृष्टि रचने का निर्णय लिया। सर्वप्रथम, शिव ने […]
Lakshmi Narayan
Parad shivling ke bare me jankari
Parad Shivling Parad, jo ki rasayan shastra mein rasaraj ke naam se bhi jana jata hai, ek aisi dhatu hai jiske vishesh gunon ke karan ise bahut hi paviitr aur adbhut mana jata hai. Iske sath hi, Shiv ji ko bhi rasaraj ka bahut priy maan jaata hai. Isliye, parad se bane shivling ki pooja […]
Parad Shivling: The Divine Mercury Emblem of Lord Shiva
Parad Shivling, a sacred representation of Lord Shiva crafted from solidified mercury (parad), holds immense spiritual significance in Hinduism. This article delves into the history, creation, benefits, and the profound spiritual energy that this divine emblem embodies. The Ancient Legacy of Parad Shivling The reverence for Parad Shivling traces back to ancient Vedic scriptures and […]
शिव जी का रहस्यमयी अग्नि स्तंभ और एक फूल की कीमत…
एक बार भगवान ब्रह्मा और भगवान विष्णु में श्रेष्ठता को लेकर विवाद हो गया। इस विवाद के निपटारे के लिए भगवान शिव एक विशाल अग्नि स्तंभ के रूप में प्रकट हुए और दोनों को चुनौती दी कि जो इस स्तंभ के आदि और अंत का पता लगा लेगा, वही श्रेष्ठ होगा। ब्रह्मा जी हंस का […]
पुराणों के अनुसार पारद शिवलिंग का महत्त्व
हमारे प्राचीन ग्रंथों में पारद शिवलिंग की महिमा का अद्भुत वर्णन मिलता है। आइए देखें कि विभिन्न ग्रंथ इसके बारे में क्या कहते हैं:
पारद शिवलिंग की पूजा कैसे करे : गोपनीय साधना रहस्य
पारद शिवलिंग: दिव्य ऊर्जा का अद्भुत स्रोत और गोपनीय साधना रहस्य पारद शिवलिंग, जिसे रस लिंग भी कहा जाता है, भगवान शिव के दिव्य स्वरूप का प्रतीक है। यह शुद्ध पारद (ठोस पारा) से निर्मित होता है, जिसे शिव का बीज माना जाता है। पारद शिवलिंग की पूजा से न केवल आध्यात्मिक उन्नति होती है, […]
पारद शिवलिंग की महिमा: सुमेरु मठ का अद्वितीय आकर्षण और आस्था का केंद्र
छत्तीसगढ़ की राजधानी, रायपुर में स्थित ‘श्रीधाम’, जिसे ‘सुमेरु मठ’ या ‘औघड़नाथ दरबार’ के नाम से भी जाना जाता है, एक ऐसा आध्यात्मिक केंद्र है जो अपने भीतर अनेक रहस्य और आश्चर्य समेटे हुए है। पिछले कई वर्षों से यह दरबार निराश्रितों और जीव-जंतुओं के लिए एक आश्रय स्थल बना हुआ है, जहां उन्हें निरंतर भोजन और आश्रय प्रदान किया जाता है। इस दरबार की आध्यात्मिक ऊर्जा का केंद्र यहां स्थापित पारे (मरक्युरी) से निर्मित ‘रसेश्वर महादेव’ शिवलिंग है, जिसे शास्त्रों में सर्वश्रेष्ठ शिवलिंग माना गया है।
रहस्य 6 प्रकार के पारद शिवलिंग का
पारद शिवलिंग निर्माण में विभिन्न तत्वों का उपयोग होता है, जिनमें अबरताल (Arsenic), मृगालक (Phosphorus), अपन्हुत (Cupric Metacide), जिरायत (Tridentium), वज्रदंती (Impure Ore), और कज्जल (Zinc Carbate) शामिल हैं। प्रत्येक तत्व के विशिष्ट गुण और अनुपात होते हैं, जो शिवलिंग की प्रभावशीलता को प्रभावित करते हैं।
पारद शिवलिंग स्थापना: विधि और महत्व
श्रावण मास, शिव भक्ति का पावन समय, जिसमें भगवान शिव की आराधना का विशेष महत्व है। यदि इस पावन महीने में आपको पारद शिवलिंग की प्राप्ति हो जाए, तो इसे अपने परम सौभाग्य की बात समझें। श्रावण मास में पारद शिवलिंग को घर लाकर विधिवत पूजा करने से जीवन में सुख, समृद्धि, और आध्यात्मिक उन्नति के द्वार खुलते हैं।
Scientific explanation for the significance and benefits of Parad / mercury Shivling.
In Hinduism, Rasalingam or Parad Lingam is a special type of Lingam, the symbol of Lord Shiva, made of mercury. Tamil saints called Siddhas made these Shiva Lingams by solidifying liquid mercury. This special process is a secret known only to them. In Tamil language, mercury is called Pada-rasam, so the Shiva Lingam made from it is called Rasalingam.