Benefits of parad shivling

पारद शिवलिंग की महिमा: सुमेरु मठ का अद्वितीय आकर्षण और आस्था का केंद्र

छत्तीसगढ़ की राजधानी, रायपुर में स्थित 'श्रीधाम', जिसे 'सुमेरु मठ' या 'औघड़नाथ दरबार' के नाम से भी जाना जाता है, एक ऐसा आध्यात्मिक केंद्र है जो अपने भीतर अनेक रहस्य और आश्चर्य समेटे हुए है। पिछले कई वर्षों से यह दरबार निराश्रितों और जीव-जंतुओं के लिए एक आश्रय स्थल बना हुआ है, जहां उन्हें निरंतर भोजन और आश्रय प्रदान किया जाता है। इस दरबार की आध्यात्मिक ऊर्जा का केंद्र यहां स्थापित पारे (मरक्युरी) से निर्मित 'रसेश्वर महादेव' शिवलिंग है, जिसे शास्त्रों में सर्वश्रेष्ठ शिवलिंग माना गया है।

छत्तीसगढ़ की राजधानी, रायपुर में स्थित ‘श्रीधाम’, जिसे ‘सुमेरु मठ’ या ‘औघड़नाथ दरबार’ के नाम से भी जाना जाता है, एक ऐसा आध्यात्मिक केंद्र है जो अपने भीतर अनेक रहस्य और आश्चर्य समेटे हुए है। पिछले कई वर्षों से यह दरबार निराश्रितों और जीव-जंतुओं के लिए एक आश्रय स्थल बना हुआ है, जहां उन्हें निरंतर भोजन और आश्रय प्रदान किया जाता है। इस दरबार की आध्यात्मिक ऊर्जा का केंद्र यहां स्थापित पारे (मरक्युरी) से निर्मित ‘रसेश्वर महादेव’ शिवलिंग है, जिसे शास्त्रों में सर्वश्रेष्ठ शिवलिंग माना गया है।

Benefits of parad shivling

सुमेरु मठ की स्थापना बाबा औघड़नाथ द्वारा की गई थी, जो एक सिद्ध संत थे। उनके मार्गदर्शन में निर्मित यह मठ श्रीयंत्र गुंबद से सुशोभित है, जो एक दुर्लभ और शक्तिशाली यंत्र है। बाबा औघड़नाथ की गद्दी पर विराजमान उनके शिष्य बाबा प्रचंड वेगनाथ मठ का संचालन करते हैं। वे न केवल मठ की देखरेख करते हैं, बल्कि ध्यान, योग, आयुर्वेद, आध्यात्म और सनातन संस्कृति की शिक्षा भी प्रदान करते हैं, जिससे लोगों को आत्मिक विकास का मार्ग मिलता है।

विशेषता –

यहां की एक और उल्लेखनीय विशेषता यह है कि मठ के सभी सेवा कार्य, जिसमें आरती, पूजा, भोग और अग्निहोत्र शामिल हैं, बाबा औघड़नाथ की एक महिला शिष्या, जिन्हें आदर से ‘मां’ जी कहा जाता है, द्वारा संपन्न किए जाते हैं। यह मठ की समावेशी और उदार परंपरा को दर्शाता है, जहां लिंग के आधार पर किसी भी प्रकार का भेदभाव नहीं किया जाता।

भंडारा –

सुमेरु मठ में सभी जीवों के प्रति करुणा और सम्मान का भाव देखा जा सकता है। यहां मनुष्यों के साथ-साथ गाय, कुत्ते, नंदी जैसे जीवों को भी संरक्षण और नियमित भोजन प्रदान किया जाता है। मठ में प्रतिदिन भंडारा चलता है, जहां सभी जरूरतमंदों को भोजन मिलता है। इसके अलावा, मासिक रूप से ‘नाथ प्रसाद’ नामक एक रात्रिकालीन भंडारा आयोजित किया जाता है, जिसमें शहर के विभिन्न हिस्सों और आसपास के क्षेत्रों में जाकर निराश्रितों और जीवों को खिचड़ी का प्रसाद वितरित किया जाता है।

सुमेरु मठ न केवल एक धार्मिक स्थल है, बल्कि एक सामाजिक सेवा केंद्र भी है, जहां मानवता और जीवों के प्रति करुणा का संदेश दिया जाता है। यह एक ऐसा स्थान है जहां लोग अपनी आध्यात्मिक यात्रा को आगे बढ़ाने के साथ-साथ समाज के प्रति अपने कर्तव्यों को भी पूरा कर सकते हैं। पारद शिवलिंग की पूजा यहां के आध्यात्मिक जीवन का केंद्र है, जिसे अत्यंत श्रद्धा और भक्ति के साथ किया जाता है। यह शिवलिंग सभी प्रकार की मनोकामनाओं को पूर्ण करने वाला माना जाता है, जिससे लोग यहां अपनी आस्था और विश्वास के साथ आते हैं और अपने जीवन में सुख-समृद्धि की कामना करते हैं।